ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा के नूरपुर-पठानकोट सीमा पर कंडवाल में स्थापित टोल प्लाजा में स्थानीय लोगों की पर्ची काटे जाने का मामला गहराता जा रहा है। लोगों ने इस मुद्दे को लेकर स्टेट टैक्स एंड एक्साइज रेवेन्यू नूरपुर के डिप्टी कमिश्नर प्रीतपाल सिंह को एक लिखित शिकायत सौंपी है। लोगों ने दो टूक कहा कि अगर जल्द ही उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया गया तो लोग सड़कों पर उतरेंगे और इसके लिए सरकार व प्रशासन दोषी होगा।
कंडवाल टोल प्लाजा के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले पंचायत निवासी, ट्रैक्टर और टिप्पर मालिकों ने शिकायत में लिखा है कि कंडवाल टोल टैक्स लुधियाना की किसी फर्म को दिया गया है। टोल टैक्स मालिक और स्टाफ जबरन हिमाचल से हिमाचल पर्ची काट रहे हैं। न कटवाने पर गाली गलौज व बदसलूकी की जा रही है। स्थानीय पंचायत प्रधान के टिप्पर की जबरदस्ती पर्ची काटी गई।
शिकायत में लिखा है कि पांच किलोमीटर के दायरे में रहने वाले स्थानीय लोगों की भी जबरन पर्ची काटी जा रही है। हिमाचल से हिमाचल पर्ची काटना बंद करवाई जाए। टोल प्लाजा को शिफ्ट करने की भी मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार मंच प्रधान राजेश पठानिया ने कहा कि टोल प्लाजा में इस बार जबरन हिमाचल से हिमाचल लोगों की पर्ची काटी जा रही है।
हिमाचल से क्रशर लेकर जाने वाले वाहनों से टोल लिया जा रहा है। इसका लोग विरोध कर रहे हैं। कंडवाल टोल को दो-तीन शिफ्ट करें। जब तक टोल को शिफ्ट नहीं किया जाता तब तक पर्ची काटनी बंद करवाई जाए। अगर इस मामले को नहीं सुलझाया तो प्रशासन और सरकार दोषी होगी।
पंचायत प्रधान कंडवाल नरिंद्र ने कहा कि टोल टैक्स वाले कृषि आरसी के बगैर कोई ट्रैक्टर हल लेकर खेतों में जाएगा या ट्राली लेकर जाएगा उसकी पर्ची काटने की बात कर रहे हैं। लोगों को अब अपने गांव में पर्ची कटवानी पड़ेगी। समय रहते इस समस्या का हल निकाला जाए, नहीं तो स्थिति भयंकर बनती जाएगी। स्टेट टैक्स एंड एक्साइज रेवेन्यू नूरपुर के डिप्टी कमिश्नर प्रीतपाल सिंह ने कहा कि लोगों की लिखित शिकायत मिली है। इस बारे उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया जाएगा।
टोल प्लाजा के मालिक कृष्ण गर्ग ने कहा कि यह विवाद क्यों हुआ, उन्हें नहीं पता। हिमाचल टोल पॉलिसी के अनुसार ही पर्ची वसूली जा रही है। हमने 16 करोड़ 3 लाख में टेंडर लिया है। सरकार ने 15 से 16 प्वाइंट दिए हैं कि कहां से पैसा इकट्ठा करना है।
20 क्विंटल और इससे ऊपर कमर्शियल व्हीकल की 170 रुपए पर्ची काटे जाने का प्रावधान है। इससे नीचे वालों के लिए फ्री है। हिमाचल नंबर की गाड़ी की पर्ची नहीं काटी जा रही है। कृषि आरसी वाले ट्रैक्टर की भी पर्ची नहीं काटी जा रही है। अगर लोगों को लगता है कि गलत और नियमों के विपरीत पर्ची काटी जा रही है तो लोग कोर्ट में केस कर सकते हैं या सरकार के समक्ष शिकायत कर सकते हैं।